सबकी थाली में थोड़ा-थोड़ा
03-Apr-2020 12:00 AM 897

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने 6 मार्च को जब महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार का पहला बजट पेश किया तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्वाभाविक तौर पर बेहद खुश नजर आ रहे थे। कृषि, शहरी विकास, परिवहन और पर्यटन सरीखे चार क्षेत्रों को बजट में खासी तवज्जो दी गई है। ठाकरे इन पर लंबे समय से अतिरिक्त ध्यान देते आ रहे हैं। राज्य के बजट में 1.15 लाख करोड़ रुपए के कुल खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसमें से करीब 40 फीसदी यानी 42,588 करोड़ रुपए सामाजिक और सामुदायिक सेवा पर खर्च किए जाएंगे। 16,333 करोड़ रुपए कृषि और उससे जुड़ी सेवाओं के लिए आवंटित किए गए हैं, जबकि परिवहन विभाग (जिसकी देखरेख शिवसेना के अनिल परब करते हैं) के हिस्से में 16,846 करोड़ रुपए आए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जयंत पाटिल के नेतृत्व वाले महत्वपूर्ण जल संसाधन विभाग की तुलना में यह 800 करोड़ रुपए ज्यादा है। सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र, पुणे, पिंपरी-चिंचवाड़ और नागपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में दो साल के लिए स्टाम्प ड्यूटी में एक फीसदी रियायत का ऐलान किया है। उम्मीद की जाती है कि इससे रीयल एस्टेट क्षेत्र में कुछ हद तक बिक्री बढ़ेगी, जो शिवसेना के एकनाथ शिंदे के अधीन है।

ठाकरे का ध्यान सामाजिक कल्याण पर है, जो दो योजनाओं से स्पष्ट है। एक तो किसानों के कर्ज की माफी (जिसके लिए 22,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, 15,000 करोड़ रु. 2019-20 के लिए और 7,000 करोड़ रु. 2020-21 के लिए) और दूसरी, 10 रुपए में शिव भोजन योजना, जिसके लिए 150 करोड़ रु. दिए गए हैं। यह 26 जनवरी को शुरू होने के तुरंत बाद ही लोकप्रिय हो गई। सरकार ने राज्य के 148 केंद्रों पर रोजाना परोसी जाने वाली थालियों की संख्या 18,000 से बढ़ाकर दोगुनी यानी 36,000 कर दी है। योजना इसे 1,00,000 थाली रोजाना तक ले जाने की है। खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल का कहना है कि लोगों ने इसे हाथोहाथ लिया है। बिजली मंत्री नितिन राउत की घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना का विपक्ष ने मुफ्तखोरी की संस्कृति कहकर विरोध किया, लेकिन मंत्री आप सरकार से प्रेरित इस योजना को जारी रखने के लिए कमर कसे हुए हैं। इस संबंध में एक विस्तृत योजना बनाने के लिए तीन सचिवों की एक समिति गठित की गई है। शिवसेना की मुख्य मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए अब 10वीं कक्षा तक सभी बोर्डों में मराठी की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है। स्कूली शिक्षा मंत्री, कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ का कहना है, 'भविष्य में पाठ्यक्रमों का मूल्यांकन हमारी प्राथमिकता होगी।’ पर्यावरण का मुद्दा ठाकरे के लिए हमेशा बड़ी प्राथमिकता रहा है। मुख्यमंत्री के बेटे तथा पर्यावरण और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के पास इस मामले में राज्य के लिए बड़ी योजनाएं हैं। इसी में एक है समर्पित हरित कोष, जो वन्यजीव अभयारण्यों से अलग दूसरे हरित क्षेत्रों में स्वतंत्र वन भ्रमण को बढ़ावा देता है। आदित्य कहते हैं, 'इसके अमल के लिए मैं वन महकमे के अफसरों से बात कर रहा हूं।’ अपने निर्वाचन क्षेत्र वर्ली में 1,000 करोड़ रुपए की लागत से विश्व स्तरीय एक्वैरियम बनाने की भी उनकी योजना है। इसके अलावा मुंबई को पर्यटन से संबंधित बुनियादी ढांचों के विकास के लिए सालाना 100 करोड़ रुपए मिलेंगे।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दोहराया कि उनकी सरकार लोगों का जीवन आसान बनाने को प्रतिबद्ध है। हालांकि, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस मानते हैं कि ठाकरे स्थगित सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, क्योंकि उनकी सरकार की कई परियोजनाएं रोक दी गई हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पहले बजट में संसाधन जुटाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट को प्रति लीटर एक रुपए बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। वित्तमंत्री ने बताया कि इससे राज्य सरकार के खजाने में हर साल 1800 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्राप्ति होगी। बजट प्रस्तावों में कर रियायतों की घोषणा भी की गई है। इसमें मुंबई महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और पुणे, पिंपरी-चिंचवड और नागपुर के नगर निगमों के तहत आने वाले क्षेत्रों में दस्तावेजों के पंजीकरण पर लगने वाले शुल्क में अगले दो वर्षों तक एक प्रतिशत की रियायत शामिल है। सरकार ने राज्य में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 30,000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान बजट में किया है। वहीं राज्य में गरीबों के लिए सस्ती भोजन योजना को चलाने के लिए 150 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। पवार ने कहा कि उनके बजट प्रस्ताव आर्थिक सुस्ती की चुनौतियों का मुकाबला करने और रोजगार सृजन पर केंद्रित हैं। बजट में कहा गया है कि जनवरी 2020 की स्थिति के अनुसार राज्य सरकार पर कुल 4,33,00,091 करोड़ रुपए का बकाया ऋण और देनदारी है। पिछले पांच साल के दौरान राज्य ने 2,82,448 करोड़ रुपए का कर्ज लिया।

एमवीए सरकार के बजट से क्षेत्रीय असंतुलन पैदा होगा: भाजपा

वहीं दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के बजट से विकास के मामले में क्षेत्रीय असंतुलन पैदा होगा और इस बजट में राज्य के किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए कुछ भी नया नहीं है। मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार के पहले बजट में किसानों को कर्ज मुक्त बनाने के प्रावधान का कोई जिक्र नहीं है, जैसा पिछले साल नवंबर में एमवीए ने वादा किया था। भाजपा नेता व विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने यहां विधान भवन परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'इसमें किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए कुछ भी नया नहीं है, विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र के लिए भी इसमें कुछ नहीं है।’ उन्होंने कहा, 'बजट में कोंकण क्षेत्र के लिए प्रावधानों का उल्लेख जरूर किया गया है, लेकिन उसमें कुछ भी ठोस नहीं है।’ एक अन्य भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि बजट में न तो कोई 'अर्थ है और न ही कोई संकल्प’ है।

-  बिन्दु माथुर

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