20-Nov-2014 02:01 PM
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सफाई अभियान काबिलेतारीफ है, किंतु इसकी सार्थकता बड़ा सवाल है। क्या जिन नेताओं को जनता अपने क्षेत्र की व्यवस्था जैसे स्वच्छता, मौलिक आवश्यकताओं (पानी, बिजली, पोषक खाद्य) की पूर्ति हेतु शासकीय विपणन और सरकारी योजनाओं की सुलभ जानकारी आदि को संभालने के लिए चुनती है, वे अपना कार्य प्रधानमंत्री जी के सफाई अभियान चलाने के बाद भी करने को तैयार हैं? जिसका काम उसी को साजे, दूजा करे तो लाठी भाजे अर्थात् जिसका काम है उसी के करने से सफल होता है अन्य के करने पर भी वह सार्थक नहीं रहता। क्या बड़ी-बड़ी हस्तियों के चलाए जाने वाले एक दिन के अभियान से हमेशा चलने वाली स्वच्छता की प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है? क्यों किसी भी पार्षद ने अपने क्षेत्रवार अभियान नहीं चलाया? क्योंं किसी नगर-निगम अधिकारी द्वारा एक बार भी शहरों में जनप्रतिनिधियों के साथ इस विषय पर कोई विमर्श कर जनसमर्थन और जागरूकता विस्तार कार्यक्रम नहीं चलाया गया?