20-Feb-2013 07:56 AM
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सुषमा स्वराज या नरेंद्र मोदी की ताजपोशी का प्रश्न नहीं है। प्रश्न है चुनाव जीतना। वर्तमान परिदृश्य में देखें तो भारतीय जनता पार्टी एक प्रभावी राजनीतिक विकल्प के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होने में असफल रही है। अटल बिहारी वाजपेयी के बाद कोई भी नेता भाजपा के पास ऐसा नहीं रहा जो सर्वस्वीकार्य हो स्वयं मोदी को लेकर भारी अंतरर्विरोध हंै। मोदी पार्टी में भले ही स्वीकार्य हों लेकिन पार्टी के बाहर उनका वजूद एक सामान्य नेता के बराबर ही है। जहां तक सर्वेक्षणों का प्रश्न है ये सारे सर्वेक्षण शहरी क्षेत्रों में पढ़े-लिखे लोगों के बीच किए गए हैं। जो कमोबेश इंटरनेट भी उपयोग करते हैं, लेकिन देश का बड़ा हिस्सा जिन लोगों से मिलकर बनता है उनके बीच मोदी की लोकप्रियता पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। मोदी या सुषमा को प्रोजेक्ट करने की बजाय भारतीय जनता पार्टी को यह सोचना चाहिए कि वह चुनाव कैसे जीतेगी। वर्तमान में उसकी हालत ठीक नहीं है।
प्रेमेंद्र सिंह, लखनऊ