16-Apr-2014 10:51 AM
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यदि आप चाय बार-बार पीते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि इसमें पाए जाने वाले कैफीन के कारण मूत्र की मात्रा में तीन गुना अधिक वृद्धि होती है। चाय पीने से कैफीन से मूत्र वृद्धि होने से दूषित मल जिसका शरीर से मूत्र के रास्ते निकल

जाना आवश्यक होता है वह शरीर अन्दर ही संचित होने लगता है जिसके फलस्वरुप गठिया दर्द, गुर्दे संबंधी रोग तथा हृदय संबंधी रोग होने लगते हैं। अधिक चाय का सेवन करने से एसिड के कारण पेट फूलना, पेट दर्द, कब्ज, एसिडिटी, बदहजमी, नींद न आना, दांत पीले होना जैसे रोग रोग पैदा होने लगते हैं।
चाय के अत्यधिक प्रयोग से उसमें पाया जाने वाला कैफीन टैनिन नामक विष चाय के प्रभाव को अत्यधिक उत्तेजनाप्रद बनाते हैं। इसका मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पडता है। जैसे-जैसे चाय का नशा बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे हृदय रोग,मानसिक रोगों में भी बढ़ोतरी होती जा रही है। कैफीन के प्रभाव से दिल की धड़कन बढ़ जाती है इससे हृदय रोग बढ़ रहे हैं।
पेन किलर से बचें
हम बिना सोचे-समझे सिरदर्द में तुरंत पेनकिलर ले लेते हैं लेकिन इसके दुष्प्रभाव खतरनाक हो सकते हैं। दर्दनिवारक दवा के इस्तेमाल से सिरदर्द में तात्कालिक लाभ तो मिल जाता है लेकिन इसका शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़़ता है और मूल कारण उसी तरह से बरकरार रहता है। सफदरजंग अस्पताल की चिकित्सक डॉ. विद्या कुमारी का कहना है कि सिरदर्द के कई कारण हो सकते हैं जिनमें आंखों में विकार सबसे आम है। रेटीना के आकार में परिवर्तन के चलते आंखों द्वारा देखे जाने वाली चीजें रेटीना पर ठीक तरह से प्रतिबिंबित नहीं हो पातीं जिसके कारण लोगों को पास या दूर की चीजें देखने में परेशानी होती है। कुछ लोगों को धूप अथवा शोर से भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। यदि किसी मरीज को धूप अथवा शोर से सिरदर्द की समस्या हो रही है तो उसे पेन किलर से बचने की सलाह दी जाती है। कई बार
यह देखने में आता है कि कुछ लोगों को तनाव या चिंता के कारण भी सिरदर्द की समस्या हो जाती है।
नमक से असमय बुढ़ापा
अधिक नमक खाने से बुढ़ापा जल्दी आता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सोडियम की बहुत अधिक मात्रा लेने से कोशिकाओं का क्षय होता है। इसका प्रभाव अधिक वजन वाले लोगों में सबसे ज्यादा देखा जाता है। जो किशोर मोटे होते हैं और चिप्स आदि के जरिए बहुत अधिक नमक खाते हैं, उनके शरीर में कोशिकाओं की आयु तेजी से बढऩे लगती है। इस कारण वे जीवन में बाद के वर्षों में हृदय रोग के शिकार हो सकते हैं। भोजन में नमक की कमी करने से कोशिकाओं की आयु बढऩे की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। आगस्ता स्थित जॉर्जिया रीजेंट्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया है। जिसमें उन्होंने निष्कर्ष निकाला है कि खाने में नमक की अधिक मात्रा से शरीर की कोशिकाओं का क्षय होता है और ये समय से पहले ही बूढ़ी हो जाती हैं। जबकि खाने में नमक की कम मात्रा कोशिकाओं की एजिंग प्रोसेस को धीमी कर देती है।
टूटी हड्डी का उपचार सिल्क प्लेट एवं पेच से
आपके शरीर की कोई हड्डी टूटे और उसे ठीक करने के लिए किसी धातु के बदले सिल्क से बनी प्लेट और पेच आपके शरीर में लगाए जाएं... है न अजीब-सी बात! सिल्क की प्लेट और पेच को शरीर में लगाई जाने की बात चाहें सुनने में कितनी भी अजीब लगे लेकिन अमेरिका के मेडिकल इंजीनियरों की एक टीम ने इसे सच साबित कर दिखाया है। अमेरिकी वैज्ञानिकों का मानना है कि शत-प्रतिशत प्राकृतिक धागे (सिल्क) से बनी प्लेट और पेच की मदद से चोटिल हड्डियों को दुरुस्त कर पाना पूरी तरह से संभव है और यह प्रकृति के काफी अनुकूल भी है। हड्डी के ठीक होने के बाद एक समय सीमा के पश्चात सिल्क से बनी यह प्लेट और पेच धीरे-धीरे शरीर में खुद ही घुल भी जाते हैं। अमेरिका के मैसाचुसेट्स में टफट्स यूनिवर्सिटी के मेडिकल इंजीनियरों के एक दल ने हाल ही में सिल्क से विशेष तरह के पेच बनाए। सिल्क को अत्याधुनिक मशीन की मदद से विभिन्न प्रकार के आकार में काट पाना संभव है।