गिलोय-डेंगू बुखार का इलाज!
03-Mar-2014 11:46 AM 1234967

आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, जिससे कई लोगों की जान जा रही है। यह एक ऐसा वायरल रोग है, जिसका मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है, परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है की उसे कोई भी कर सकता है।
लक्षण: तीव्र ज्वर, सर में तेज दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियां लगना, त्वचा का सूखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेजी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं, जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है।
यदि आपके किसी भी जानकार को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चार चीजें रोगी को दें-
(1) अनार जूस
(2) गेहूं घास रस
(3) पपीते के पत्तों का रस
(4) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
-    अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लडऩे की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है। यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है।
-    पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है। उसकी ताजी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज को दिन में दो से तीन बार दें, एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढऩे लगेगी।
-    गिलोय बेल की डंडी ले, डंडी के छोटे टुकड़े करे। उसे दो गिलास पानी मे उबालें, जब पानी आधा रह जाये तो ठंडा होने पर काढ़े को रोगी को पिलायें। मात्र 45 मिनट बाद ष्द्गद्यद्यह्य सेल्स बढऩे शुरू हो जाएँगे!
-    गिलोय की बेल का सत्व मरीज को दिन में दो तीन बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लडऩे की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है।
-    यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर गिलोय घनवटी ले आयें, जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में तीन
बार दें।
-    यदि बुखार एक दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें।
-    यदि रोगी बार-बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा निम्बू मिलाकर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी।
-    यदि रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है, तब भी यह (उक्त) चीजें रोगी की बिना किसी डर के दी जा सकती हैं।
-    डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी खत्म होता है।
-    रोगी के खान-पान का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि बिना खान-पान कोई दवाई असर नहीं करती।

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