15-Feb-2014 10:54 AM
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बदलती जीवनशैली ने न सिर्फ लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है, बल्कि मानसिक रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। मानसिक रोगों में सबसे आम है याददाश्त का कमजोर पड़ जाना। आजकल तो बच्चे और युवा भी

तेजी से इसका शिकार हो रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना इतना मुश्किल भी नहीं है।
संतुलित भोजन खाएं
शरीर को पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार मस्तिष्क को भी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। दिन में तीन बार मेगा मील खाने के बजाए 5 या 6 बार मिनी मील खाएं। इससे रक्त में शुगर का स्तर कम नहीं होता जो नकारात्मक रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करता है। शराब का सेवन न करें या कम करें। यह बात सामने आई है कि जिस भोजन में सैचुरेटेड फैट ज्यादा मात्रा में होता है वे याददाश्त को कमजोर करते हैं। इनका सेवन कम करें।
भरपूर सोएं
नींद की कमी से मस्तिष्क पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पाता। इससे सोचने की क्षमता, सृजनशीलता और समस्याओं को हल करने की क्षमता कम होती है। अनिद्रा याददाश्त को भी कमजोर करती है क्योंकि याददाश्त को बढ़ाने की प्रक्रिया मस्तिष्क में तब ही शुरू होती है जब आप नींद के सबसे गहरे स्तर पर होते हैं।
शारीरिक रूप से फिट रहें
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज करने से मस्तिष्क में रक्त का संचरण बढ़ता है, जिससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है।
मस्तिष्क का उपयोग करें
मानसिक व्यायाम मस्तिष्क की नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद कर याददाश्त बढ़ाता है। नई जटिल चीजें सीखें जैसे कोई नई भाषा, चुनौतीपूर्ण खेल जैसे शतरंज वगैरह खेलें। सुडोकु, क्रॉस वर्ड बेहतरीन मानसिक व्यायाम हैं।
तनाव न लें
तनाव मस्तिष्क का सबसे बड़ा शत्रु है। अगर समय रहते इसको नियंत्रित न किया गया तो लगातार तनाव की स्थिति मस्तिष्क की कोशिकाओं और हिप्पोकैम्पस को नष्ट कर देगी। हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क का वह क्षेत्र है जो नई यादों को बनाने और पुरानी यादों को संजोते का काम करता है।
भरपूर पानी पिएं
हमारे शरीर में करीब 80 प्रतिशत पानी होता है। डीहाइड्रेशन हमारी मानसिक ऊर्जा और क्षमता को कम करता है। शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है कि रोजाना कम से कम चार लीटर पानी पिएं।
ब्रेन फूड्स दिमाग को रखें चुस्त-दुरस्त
सभी कोशिकाओं को अपने विकास को जारी रखने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। कई भोजन मस्तिष्क को दुरुस्त रखते हैं और ज्यादा स्पष्टता से सोचने में मदद करते हैं। भोजन के छह प्रमुख समूह हैं जिन्हें ब्रेन फूड कहा जाता है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड
यह मस्तिष्क की सेल मेम्ब्रेन बनाने के लिए जरूरी है। सालमन, माकेरल आदि मछलियां ओमेगा 3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोत हैं। अंडे, अखरोट, सोयाबीन, कद्दू भी यह खूब होता है।
बढ़ती उम्र में भी सीखें नई चीजें
मानव मस्तिष्क में यह योग्यता होती है कि वह बढ़ती उम्र के साथ भी नई चीजें सीख सकता है। इस क्षमता को न्युरोप्लास्टिसिटी कहते हैं। अगर आप संतुलित भोजन खाएं, भरपूर सोएं और तनाव से दूर रहें तो आपका मस्तिष्क बढ़ती उम्र में भी सक्रिय बना रह सकता है। सक्रिय मस्तिष्क सही प्रेरक तत्वों के द्वारा, नए न्युरल पाथवे बनाता है, मौजूदा संबंधों को बदलता है और बेहतर बनाता है।
योग और ध्यान करें
योग मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है, रक्त को शुद्घ करता है और रक्त संचरण को तेज करता है, जो मानसिक स्वास्थ को बनाए रखने में काफी सहायक होता है। मानसिक शांति के लिए ध्यान करें। ध्यान अवसाद, उत्तेजना, अनिद्रा में बहुत उपयोगी है। ध्यान से मस्तिष्क का पैनापन और याददाश्त बढ़ती है।
सामाजिक बनें
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। दूसरों से बातें करना मस्तिष्क का बेहतरीन व्यायाम है। अच्छे खुशहाल रिश्ते मनुष्य की सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। हाल ही में किए एक शोध में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों का सामाजिक जीवन जितना सक्रिय होगा, उनकी याददाश्त कमजोर होने की आशंका उतनी ही कम होगी।