न्याय की आस
03-Aug-2019 07:38 AM 1235101
मध्य प्रदेश के इंदौर की किरण परवानी और उसके परिवार के लोग काफी खुश थे, जब उन्हें मैट्रीमॉनियल साइट पर लंदन के कंबरलैंड स्कूल में पढ़ाने वाले कबीर जगवानी की रिक्वेस्ट मिली। किरण के परिवार वालों के लिए यह आदर्श जोड़ी थी, क्योंकि कबीर कंप्यूटर्स और बिजनेस में डबल मास्टर्स था या उसने सिर्फ अपने प्रोफाइल में ऐसा लिखा था। कबीर और किरण के बीच बातचीत शुरू हो गई। कबीर ने कुछ समय बाद किरण को शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अकेले लंदन आने को कहा। कबीर की मां ने कहा कि वे किरण की ओर से फर्जी माता-पिता का इंतजाम कर लेंगे। किरण ने कहा कि अमूमन रजिस्ट्रेशन शादी के बाद कराया जाता है। ऐसे में उनकी यह मांग अजीब लगी। फिर भी वह लंदन गई। भारत लौटते समय कबीर के परिवार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि शादी का पूरा खर्च किरण का परिवार उठाएगा। दिसंबर, 2007 में शादी के एक हफ्ते पहले कबीर ने किरण को मेसेज करके पूछा कि वे गिफ्ट्स ले जाने के लिए कितने सूटकेस लेकर आएं। किरण के मुताबिक, इंदौर में उनकी शादी हुई। इसके बाद वे अगले ही दिन तीन दिन के हनीमून के लिए गोवा चले गए। दरअसल, कबीर जल्द से जल्द लंदन लौटना चाहता था। कबीर और उसका परिवार सभी गिफ्ट्स व 20 लाख रुपये नकदी के साथ लंदन चला गया। कुछ दिन बाद किरण को भी वीजा मिल गया। ऐसे ज्यादातर मामलों में सामने आया है कि एनआरआई लड़कों ने शादी के बाद पैसों की मांग की और पत्नियों को छोड़ दिया। किरण 18 मार्च, 2018 को लंदन की फ्लाइट पकडऩे ही वाली थी, तभी कबीर ने फोन कर उसे लंदन नहीं आने को कहा। उसने कहा कि जैसे ही किरण लंदन पहुंचेगी आव्रजन अधिकारी उसे गिरफ्तार कर लेंगे। किरण ने व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत को सेव कर लिया। कबीर की मां ने किरण के पिता को फोन कर एक करोड़ रुपये का दहेज भी मांगा। किरण ने जब कबीर को कॉल करने की कोशिश की तो उसे पता चला कि उसका और उसके माता-पिता का नंबर ही ब्लॉक कर दिया गया है। अब 2019 चल रही है और किरण की न्याय के लिए लड़ाई खत्म नहीं हुई है। किरण ने बताया कि उसे औपचारिक शिकायत दर्ज कराने में ही दो महीने लग गए। ज्यादातर अधिकारियों ने मामले को वैवाहिक विवाद बताकर केस दर्ज करने से इनकार कर दिया। कुछ ऐसी ही कहानी है चेन्नई की 35 वर्षीय सिंथिया की। उसे भी उसके एनआरआई पति ने दर-दर की ठोकरें खाने को भारत में ही छोड़ दिया। सिंथिया के सिंगापुर में रह रहे पति राफेल ने उसे शादी के 40 दिन बाद ही छोड़ दिया था। जब उसने शादी के रिसेप्शन में बहुत कम लोगों के आने का कारण पूछा तो उसे बताया गया कि वह नीची जाति से है। इसलिए कम लोग आए हैं। सिंथिया की शादी भी मैट्रीमॉनियल साइट के जरिये ही हुई थी। एनआरआई पतियों के भारतीय दुल्हनों को छोड़ जाने के ज्यादातर मामलों में शादियां मैट्रीमॉनियल साइट्स के जरिये हुई थीं। सिंथिया का कहना है कि राफेल ने सिंगापुर में अपने कर्ज चुकाने के लिए उससे शादी की थी। राफेल ने दहेज में पांच लाख रुपये लिए। शादी के बाद उसने और पैसे की मांग की। जब पैसे देने से इनकार कर दिया गया तो उसने सिंथिया से मारपीट की। सिंगापुर में उसे एक कमरे में बंद रखा गया। एक महीने बाद राफेल को अहसास हुआ कि सिंथिया प्रेग्नेंट है तो वह उसने उसे भारत वापस भेज दिया। उसने सिंथिया से कहा कि उसे इंडोनेशिया में नौकरी मिल गई है। सिंथिया के भारत पहुंचने के बाद राफेल ने उससे संपर्क काट लिया। जब उसके परिवार से पूछा गया तो उन्होंने उसके बारे में कोई भी जानकारी होने से मना कर दिया। कुछ समय बाद सिंथिया को पता चला कि राफेल बिना उसे तलाक दिए किसी दूसरी महिला से शादी कर रहा है। किरण और सिंथिया एनआरआई पतियों की ओर से छोड़ दी गईं हजारों मामलों में से सिर्फ दो हैं। - ज्योत्सना अनूप यादव
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