21-Feb-2019 05:46 AM
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गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस की चौपाइयां केवल शब्द नहीं है। इनके नित जीवन में प्रयोग से आपके कई कार्य सिद्ध हो सकते हैं। इनमें जातक की कुंडली में व्याप्त ग्रह दोष और पीड़ा निवारण में छिपा हुआ है। रामचरितमानस की चौपाइयों में मंत्र तुल्य शक्तियां विद्यमान हैं। इनका पठन, मनन और जप करके आप बड़ी से बड़ी समस्या को खत्म कर सकते हैं।
तब जन पाई बसिष्ठ आयसु ब्याह!
साज संवारि कै!!
मांडवी, श्रुतकी, रति, उर्मिला
कुंअरि लई हंकारि कै!!
आप इस चौपाई का 108 बार जप करें, आपकी विवाह संबंधी हर समस्या
का समाधान हो जाएगा।
जानि गौरि अनुकूल सिय
हिय हरषि न जाइ कहि!
मंजुल मंगल मूल बाम
अंग फरकन लगे!!
आप इस चौपाई का 108 बार जप करें, आपको इच्छित वर की
प्राप्ति अवश्य होगी।
दीनदयाल बिरिदु सम्भारी!
हरहु नाथ मम संकट भारी!!
यदि कोई संकट है तो आप इस चौपाई का जप करें।
रामचरित मानस एक ऐसा ग्रंथ है जो कथा तो श्रीराम की है लेकिन गोस्वामी तुलसीदासजी ने जिस ढंग से इसकी प्रस्तुति की है, ग्रंथ से ज्यादा वह आचार संहिता बन गई। भारतीयों के रग-रग में दोहे-चौपाई ऐसे उतार दिए कि लोगों को नशा चढ़ गया। समस्याओं के समाधान ढूंढ़े जाते हैं उनमें। जब पढ़ते हैं तो पता चलता है रामचरित मानस पढऩा साधना नहीं है, पुरुषार्थ मांगती है। इसमें चमत्कार नहीं है, आपसे परिश्रम करने की बात कही गई है। हनुमान, भरत, लखन, कौशल्या, अहिल्या, शबरी जैसे पात्रों के जो रूपक तुलसीजी ने प्रस्तुत किए हैं, लगता है हम लोगों को एक दर्पण दे दिया है। जब कभी जीवन में समस्या आए, उठाइए रामचरित मानस और ढूंढ़ लीजिए समाधान। इसमें आधार तो वाल्मीकि रामायण का है पर घटनाओं में जो हेर-फेर, तालमेल किया है, शायद ही किसी और साहित्य में देखने को मिले। इसलिए तुलसी के मानस को किसी धर्म विशेष की पुस्तक मानने की भूल कभी न करें। जब कभी लगे कि कोई समस्या ऐसी आ गई जिसका समाधान नहीं मिल रहा तो उतर जाइए मानस के कथा प्रवाह में। समाधान के किनारे कब पहुंच जाएंगे, पता ही नहीं चलेगा।
गुरू गृह गए पढऩ रघुराई!
अल्प काल विद्या सब आई!!
विद्यार्थी विद्या प्राप्ति के लिए रामचरितमानस की इस चौपाई का जप करें तो उन्हें परीक्षा में सफलता के साथ अच्छे अंकों की भी प्राप्ति होगी।
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई!
गोपद सिंधु अनल सितलाई!!
शत्रु को मित्र बनाने के लिए रामचरितमानस की इस चौपाई का जप करें तो उन्हें सफलता जरूर मिलेगी।
बिस्व भरन पोषन कर जोई!
ताकर नाम भरत अस होई!!
रोजगार प्राप्ति के लिए रामचरितमानस की इस चौपाई का 108 बार जप करें तो उन्हें सफलता जरूर मिलेगी।
हरन कठिन कलि कलुष कलेसू!
महामोह निसि दलन दिनेसू!!
रामचरितमानस की इस चौपाई का जप करें तो गृह क्लेश संबंधी सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
रामचरितमानस प्रभु श्री राम की महिमा में लिखित ग्रंथों में से उल्लेखनीय और गौरवमयी है। गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित सात खंडों में विभाजित रामचरितमानस बताया गया है कि राम का चरित मनुष्य में कैसे चरितार्थ हो सके। इसलिए इसका प्रत्येक कांड एक भक्त के आंतरिक जगत को प्रतिपादित करता है। बालकांड में प्रभु श्री राम का जन्म और अवतार का वर्णन है। बालकांड के बाद अयोध्या कांड से लेकर किष्किंधा कांड तक एक भक्त अपने भक्ति मार्ग पर आध्यात्मिक जगत में किन-किन बाधा व संघर्ष से होकर गुजरता है, उसका वर्णन है। सुंदरकांड में भक्त हनुमान जी के माध्यम से बताया गया कि एक भक्त में कौन से गुण होने चाहिए और भक्त हनुमान इन गुणों को चरितार्थ करते हैं। सुंदर कांड के बाद लंका कांड आता जब हम अपने भीतर स्थित विकारों के रावण को मारकर रामराज्य स्थापित कर लेते हैं। उत्तरकांड में सत्संग है। ब्रह्मलीन अवस्था है। इस प्रकार रामचरितमानस एक भक्त के आंतरिक जगत को दर्शाता है।
-ओम