19-Nov-2018 09:12 AM
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महाराष्ट्र में अपनी खोई हुई साख जमाने के लिए कांग्रेस जमावट में जुट गई है। साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ता में वापसी का तानाबाना बुना जा रहा है। इसके लिए महाराष्ट्र में कांग्रेस एनसीपी के साथ सीटों के बंटवारे की डील फाइनल कर चुकी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों पर कांग्रेस और एनसीपी के बीच साथ मिलकर चुनाव लडऩे पर सहमति बनी है। दोनों दलों के बीच हुए समझौते के तहत 48 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस 24 और एनसीपी 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, एक सीट स्वाभिमानी शेतकारी संगठन को दी जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे-पाटिल के निवास पर हुई दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह फॉर्मूला तय किया गया। बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में सीट बंटवारे के इस फॉर्मूले का आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया जाएगा।
कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन के लिए हुई बैठक में कांग्रेस की तरफ से राधाकृष्ण विखे-पाटिल के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और वरिष्ठ नेता शरद रणपिसे शामिल हुए। वहीं, एनसीपी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पंवार, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वालसे-पाटिल और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया गया कि गठबंधन के तहत हातकणंगले लोकसभा सीट स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और मौजूदा सांसद राजू शेट्टी को दी जाएगी। आपको बता दें कि राजू शेट्टी ने पिछला लोकसभा चुनाव अपनी पार्टी से एनडीए के घटक दल के रूप में लड़ा था। पिछले साल ही अगस्त में वो एनडीए से अलग हो गए। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि शेट्टी अब कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन का हिस्सा बनेंगे। हालांकि गठबंधन के तहत दोनों दलों के बीच सीटों की संख्या को अंतिम रूप दे दिया गया है, लेकिन तीन सीटों पर अभी भी असमंजस बना हुआ है। जिन तीन सीटों पर असमंजस बना हुआ है, उनमें से पुणे और यवतमाल सीट पर एनसीपी चुनाव लडऩा चाहती है, जबकि अहमद नगर सीट पर कांग्रेस दावा ठोक रही है।
गौरतलब है कि पूर्व में शिवसेना और एनसीपी के बीच गठबंधन की बात चल रही थी। लेकिन उद्धव ठाकरे द्वारा राम मंदिर निर्माण का राग अलापे जाने के बाद उनकी पार्टी शिवसेना का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ टकराव बढ़ गया। अब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के एक करीबी रिश्तेदार ने उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है। शरद पवार के भतीजे राजेंद्र के बेटे रोहित पवार ने मंदिर मुद्दे पर महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की आलोचना करने पर ठाकरे पर पलटवार किया। एनसीपी अध्यक्ष के भतीजे अजीत पवार ने पिछले सप्ताह जालना में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि उद्धव ठाकरे अपने पिता बाल ठाकरे के नाम पर तो स्मारक बना नहीं सके, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को भुना रहे हैं। इसके जवाब में शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में अजीत पवार को पुणे की राजनीति में नाली का कीड़ाÓ कहा जो अपने चाचा शरद पवार पर आश्रित है और महाराष्ट्र की सियासत में जिनका कोई महत्व नहीं है।
जवाबी हमले में रोहित ने फेसबुक पर पोस्ट डाली और लिखा, बालासाहब ने अपने आखिरी समय में जनता से अपील की थी कि उद्धव का ख्याल रखें। कल हमें पता चला कि अपील करते समय उनका क्या आशय था। उनके कहने का मतलब था कि उनका बेटा भोला-भाला है और उसका ध्यान रखा जाना चाहिए। रोहित ने कहा कि शिवसेना के दिवंगत नेता बुद्धिमान और बड़े नेता थे। उनका अपनी भाषा पर नियंत्रण था और वह साप्ताहिक पत्रिका मार्मिक तथा सामना के जरिये राजनीतिक विरोधियों पर हमला बोलते थे लेकिन बाल ठाकरे के नाम का इस्तेमाल करके राजनीति करने वालों ने अजीत पवार पर निशाना साधकर बाल ठाकरे की कलम को अपमानित किया है।
एनसीपी ने की आधी सीटों की मांग
आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ देशभर में विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाने की तैयारी में जुटी कांग्रेस को महाराष्ट्र में ही एनसीपी से गठबंधन के लिए खासी माथापच्ची करनी पड़ रही है। एनसीपी महाराष्ट्र में आधी हिस्सेदारी चाहती है जबकि कांग्रेस के स्थानीय नेता इसके खिलाफ हैं। इससे कांग्रेस लोकसभा की सभी 48 सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए अगले सप्ताह से इच्छुक उम्मीदवारों की तलाश शुरू करेगी। महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के बाद लोकसभा की सबसे अधिक 48 सीटें हैं। इस साल जैसे ही विपक्षी दलों के महागठबंधन की चर्चा शुरू हुई वैसे ही एनसीपी ने साफ कर दिया था कि आधी हिस्सेदारी से कम पर बात नहीं बनेगी। इससे पहले साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 26 सीट और एनसीपी ने 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था उस समय कांग्रेस ने सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि एनसीपी ने 4 सीटें जीती थी।
-ऋतेन्द्र माथुर