18-Oct-2018 07:50 AM
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वर्ष 2014 में मोदी लहर में महाराष्ट्र में बीजेपी नंबर वन पार्टी बन गई थी और पहली बार राज्य में बीजेपी का मुख्यमंत्री बना था। लेकिन इन चार सालों में मोदी लहर का असर खत्म हो गया है और आगामी चुनावों में बीजेपी को हार का डर सता रहा है। इसीलिए जमीनी हकीकत जानने को राज्य की सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर गुप्त सर्वेक्षण कराए जाने की बात सामने आई है। कहा जा रहा है कि इस सर्वे में जनता से मुख्य रूप से तीन सवाल पूछे गए थे। यह सवाल थे- क्या आप अपने सांसद और विधायक के काम से खुश हैं? क्या आप उन्हें दोबारा चुनेंगे? क्या उन्हें एक मौका और दिया जाना चाहिए? खबरों के मुताबिक इन सवालों के साथ किए गए सर्वेक्षण के नतीजों में महाराष्ट्र में बीजेपी के 8 सांसदों और 40 विधायकों के इस बार चुनाव हारने की पूरी संभावना है।
बीजेपी के सभी सांसदों, विधायकों को सर्वेक्षण से मिले नतीजों से अवगत करा दिया गया है। इसके लिए बीजेपी के दादर स्थित कार्यालय में मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई थी। लेकिन इस बारे में बीजेपी का कोई नेता बोलने को तैयार ही नहीं है। कई सांसद और विधायक तो गुप्त सर्वेक्षण कराए जाने की खबर को ही गलत बता रहे हैं। हालांकि राज्य के एक पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता ने सर्वे को सही बताया है और इसे पार्टी की नियमित प्रक्रिया कहा है।
अपने वरिष्ठ नेता के बयान के बाद भाजपा के सांसद-विधायक राहत की सांस भी नहीं ले पाए थे कि एक निजी सर्वे ने फिर से परेशानी में डाल दिया है। सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल का सबब बन सकते हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार आगामी दोनों ही चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा चुनाव में 121 भाजपा विधायकों को हार का मुंह देखना पड़ सकता है। जबकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को प्रदेश में 40 फीसदी सीटों पर हार का सामना करना पड़ सकता है। यह ताजा आंकड़े पिछले साढ़े चार साल के भाजपा के कार्य को देखते सामने आया है।
जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट आने के बाद भाजपा यूनिट ने आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बैठक की है, जिसमें चुनाव की रणनीति को लेकर बातचीत की गई है। यह बैठक मुंबई के दादर स्थित भाजपा कार्यालय में की गई थी, जिसमें पार्टी के सांसद और विधायक शामिल हुए थे। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की थी जो कि देर रात तक चली थी। बैठक के दौरान चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर बात की गई।
पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में भाजपा सांसदों और विधायकों को सर्वे की रिपोर्ट सौंपी गई थी, जो कि बंद लिफाफे में थी। भाजपा विधायकों का कहना है कि उन्हें इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि इस जानकारी को लोगों के बीच साझा नहीं करें। अब देखना यह है कि महाराष्ट्र भाजपा को पार्टी के रणनीतिकार किस तरह इस भंवर से निकालते हैं।
देवेंद्र फडणवीस के लिए आगामी चुनाव आसान नहीं
वैसे अगर गुप्त सर्वेक्षण की खबर और उसके नतीजों को सही माना जाए, तो बीजेपी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए आगामी चुनाव आसान नहीं है। खासकर तब जब कांग्रेस-एनसीपी मिलकर चुनाव लड़ें और शिवसेना, बीजेपी से गठबंधन न करने की अपनी बात पर अंत तक कायम रहे। हालांकि शिवसेना के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि शिवसेना अलग चुनाव लडऩे का फैसला ले चुकी है।
-ऋतेन्द्र माथुर