19-Jul-2018 09:19 AM
1234841
मुंबई से सटे नवी मुंबई में एक जमीन सौदे को लेकर महाराष्ट्र सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार ने अरबों की जमीन एक बिल्डर को कौडिय़ों के भाव में बेच दी। इससे पहले जब हरियाणा में रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदे की बात आई थी, तो बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर शिकंजा कस दिया था, लेकिन अब कांग्रेस महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है। सवालों की फांस से बचने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।
नवी मुंबई जहां एक वर्गफीट जमीन का दाम एक लाख रुपए से ऊपर है। जल्द ही यहां एयरपोर्ट बनने वाला है, लेकिन विमानों की उड़ान से पहले ही जमीन के भाव आसमान छूने लगे हैं। यही जमीन इन दिनों महाराष्ट्र सरकार के गले की फांस बनी हुई है। कांग्रेस का आरोप है कि नवी मुंबई के खारघर में जमीन के बहुत बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है। यहां किसानों के नाम पर 24 एकड़ जमीन लेकर 24 घंटे के अंदर बिल्डर के नाम कर दी गई। आरोपों के मुताबिक ये जमीन सिडको यानी सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की है लेकिन सरकारी अफसरों ने इस जमीन का सौदा सिडको को अंधेरे में रखकर कर दिया। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी एमएलसी प्रसाद लाड के करीबी मित्र और पैराडाइज बिल्डर के मालिक मनीष भतीजा को जमीन औने-पौने दाम में दी गई है। लेकिन सरकार के विस्थापित आयोग के उपाध्यक्ष माधव भंडारी ने इस मामले में किसी भी तरह का घोटाला होने से इनकार कर दिया। उनके मुताबिक ये जमीन सरकार की है, सिडको की नहीं और कांग्रेस बेवजह इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।
जानकारी के अनुसार, 26 फरवरी 2018 को रायगढ़ जिले के कलेक्टर ने आठ किसानों को जमीन देने का ऐलान किया। 8 मई 2018 को राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जमीन का सर्वे किया। 14 मई 2018 को तहसीलदार ऑफिस ने किसानों के नाम पर जमीन ट्रांसफर कर दी। बता दें कि रायगढ़ के उन आठ किसानों को नवी मुंबई की वही जमीन अलॉट की गई, जो आज विवादों के घेरे में है। आरोप है कि घोटाले को अंजाम देने वालों की नजर पहले से ही इस जमीन पर लग गई थी। वो किसी तरह ये जमीन बिल्डर तक पहुंचाना चाहते थे। 14 मई 2018 को ही जमीन से जुड़ी सभी पार्टियों को नोटिस जारी किया गया। उसी दिन आठ किसानों ने जमीन की पावर ऑफ अटार्नी बिल्डर मनीष भतीजा और संजय भालेराव को दे दी। 14 से 15 मई के दौरान बिल्डर जमीन खरीद लेता हैं। पूरा सौदा सिर्फ 3 करोड़ 60 लाख रुपए में हो जाता है। 23 जून 2018 को पुलिस बिल्डर को जमीन पर कब्जा दिला देती है।
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान कहते हैं कि विपक्ष जब भी किसी मुद्दे को उठाता है तो मुख्यमंत्री धमकी देते हैं कि सब की कुंडली मेरे पास है। वह कहते हैं कि गलत काम किसी के भी राज में हो और कहीं कभी भी हो उसकी जांच होनी चाहिए। यह कानून का राज है और वह सबके लिए समान है अगर किसी के कार्यकाल में गलत काम हुआ है तो उसकी भी जांच होनी चाहिए और आज अगर गलत काम हो रहा है तो आज के मामले की भी जांच होनी चाहिए।
न्यायायिक जांच की मांग
मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला कहते हैं कि हमने मुख्यमंत्री से पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। साथ ही इसके पीछे काम करने वाले बिल्डर के माध्यम से इस जमीन को हजम करने वाले सभी को बेनकाब करने की मांग की है। लेकिन महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में मुख्यमंत्री उल्टे मामला उजागर करने वालों के खिलाफ गलत बयान देते हैं। कानून के तहत जांच हो रही है तो इस पर किसी का ऐतराज नहीं, लेकिन मुख्यमंत्री जिस तरह से यह बोलते हैं कि आपकी कुंडली मेरे पास है। यह एक तरीके से ब्लैकमेलिंग है। यह बोलकर मुख्यमंत्री विपक्ष को मुद्दा उठाने से रोकना चाहते हैं। जमीन घोटाला हुआ है और इसके पीछे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है इस गिरोह का पर्दाफाश होना चाहिए। यह जमीन कथित रूप से कोयना बांध परियोजना से प्रभावित लोगों और किसानों के पुनर्वास के लिए थी।
-जयपुर से ऋतेन्द्र माथुर