कर्बला है जि़न्दगी
04-Feb-2015 03:02 PM 1234848

हमने समझा था कि बस इक कर्बला है जि़न्दगी
कर्बलाओं का मुसलसल सिलसिला है जि़न्दगी

एक तेरे ग़म ने सब ज़ख्मों पे मरहम कर दिया
सब ये कहते थे कि दर्दे-ला-दवा है जि़न्दगी
मुश्किलों से हार जाना इस को आता ही नहीं शब् की तारीकी से लड़ता
इक दिया है जि़न्दगी

जीने वालों के लिए है
आखिरी उम्मीद मौत
मरने वालों के किये इक
आसरा है जि़न्दगी

किस क़दर मकरूह चेहरा है, नजऱ आ जाएगा
हर किसी के रू-ब-रू इक आईना है जि़न्दगी
हर ख़ुशी के बाद ग़म और फिर ख़ुशी की आहटें
आते जाते मौसमों का
सिलसिला है जिन्दगी

दर्द के तपते हुए सेहराओं
से होता हुआ
मौत तक जाता हुआ इक
रास्ता है जि़न्दगी

  • फरीद कमर
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^