दुख
20-Dec-2014 03:25 PM 1234815

उसने कितनी सादगी से आजमाया है मुझे
उसने कितनी सादगी से आजमाया है मुझे
है मेरा दुश्मन मगर मुन्सिफ बनाया है मुझे
मैं भला उस शख्स की मासूमियत को क्या कहूँ
कहके मुझको इक लुटेरा घर बुलाया है मुझे
उसके भोलेपन पर मिट न जाऊँ तो मैं क्या करूँ
किस कदर नफरत है मुझसे यह बताया है मुझे
मुझको उसकी दुश्मनी पे नाज क्यों न हो कहो
है भरोसा मुझपे जालिम ने जताया है मुझे
वो कोई इल्जाम दे देता मुझे तो ठीक था
उसकी चुप ने और भी ज्यादा सताया है मुझे

  • दीप्ति मिश्र
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^