मप्र में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना की जांच
04-May-2020 12:00 AM 472

मप्र में मंत्रिमंडल गठन के साथ ही पांचों मंत्री अपने-अपने विभाग के साथ ही कोरोना संक्रमण को रोकने से संबंधित कार्यों में जुट गए हैं। इस दौरान सभी मंत्री लगातार इस कोशिश में लगे हुए हैं कि लॉकडाउन के दौरान किसी को परेशानी न हो। साथ ही लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी आसानी से हो सके।

मध्य प्रदेश में कोरोना के संक्रमण से संक्रमित लोगों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से शुरू हो गया है। इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पहल की थी। विगत दिनों उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से बात कर प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने की अनुमति मांगी थी। केंद्र ने इसके लिए अनुमति दे दी है और आर्थिक राजधानी इंदौर में इस पद्धति से इलाज भी शुरू हो गया है। कोरोना के हॉटस्पॉट बने इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल में प्लाज्मा थेरेपी से मरीजों का इलाज शुरू किया गया है। शहर के दो मुस्लिम युवा डॉक्टरों ने सबसे पहले अपना प्लाज्मा कोरोना ग्रस्त दो मरीजों को दान किया है। उम्मीद है कि, इस थेरेपी की मदद से बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

प्लाजमा थेरेपी उन मरीजों को दी जाएगी, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। क्योंकि ऐसे कई मरीज हैं, जिनका लंबे समय से इलाज चलने के बावजूद हालत में किसी तरह का सुधार नहीं आ रहा है। इसका कारण है उनकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता। इनमें खासकर बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं। इस पद्धति से उन मरीजों का इलाज किया जाएगा, जिन्हें लगातार इलाज दिए जाने के बावजूद उनके बचने की उम्मीद कम है। अब तक जो भी मरीज इस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, उनके शरीर में अब ऐसी एंटी बॉडीज बन गई हैं, जिनकी मदद से उनका शरीर इस संक्रमण से लड़ने में सफल हो गया है। ऐसे में स्वस्थ हो चुके मरीज अपना प्लाज्मा अधिक संक्रमित मरीज को देगा, तो उसके शरीर में भी वो एंटी बॉडीज पहुंचकर संक्रमण से लड़ने लगेंगी। अब तक इस थेरेपी के चीन में काफी सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं।

दुनियाभर में विकराल रूप धारण करते जा रहे कोरोना वायरस को रोकने के लिए दुनिया के कई देशों में वैक्सीन की खोज की जा रही है। इसके लिए परीक्षण भी शुरू किया जा चुका है। लेकिन कामयाबी कब तक मिलेगी, यह किसी को नहीं पता। हालांकि इस बीच कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी कारगर मानी जा रही है। प्लाज्मा थेरेपी कोरोना से पहले भी कई बार संकट के मौके पर अपना सटीक काम कर चुकी है। अभी तक देश में कोरोना वायरस के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल दिल्ली और केरल में ही हो रहा था। वहीं दुनिया के कई अन्य देशों में भी इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत के अलावा अमेरिका, स्पेन, दक्षिण कोरिया, इटली, टर्की और चीन समेत कई देशों में इसका इस्तेमाल हो रहा है।

चीन में कोरोना वायरस का मामला सामने आने पर प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल शुरू किया गया था। चीन में जहां कोरोना का मामला बढ़ा, वहां पर भी प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया। वहां भी सकारात्मक रिजल्ट आए। प्लाज्मा थेरेपी को पहले भी कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग में लाया गया। वायरस से संबंधित कई गंभीर बीमारियों का इस थेरेपी से इलाज किया जा चुका है। प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल 2002 में किया गया। 2002 में सार्स नाम के वायरस ने कई देशों में तबाही मचा रखी थी। इस वायरस के खात्मे के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया। सार्स के बाद 2009 में खतरनाक एच1एन1 इंफेक्शन को रोकने के लिए प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया गया था, जिसमें काफी हद तक कामयाबी भी मिली। इसी तरह 2014 में इबोला जैसे खतरनाक वायरस को रोकने के लिए भी प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया। तब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इबोला को रोकने के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। अब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा की पहल पर कोरोना का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से शुरू हो गया है। चिकित्सक अनुमान लगा रहे हैं कि इस पद्धति से इलाज कर जल्द ही कोरोना संकट पर विजय हासिल की जा सकती है। उधर, लोगों ने नरोत्तम मिश्रा को इसके लिए धन्यवाद दिया है कि उन्होंने इस दिशा में सार्थक पहल की।

अब थंब इम्प्रेशन के बिना मिल रहा राशन

मप्र में अब राशन दुकानों पर हितग्राहियों को बिना थंब इम्प्रेशन के बिना राशन दिया जा रहा है। दरअसल, थंब इम्प्रेशन से कोरोना वायरस फैलने की आशंका बनी हुई है। इसको देखते हुए प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बड़ा फैसला लेते हुए राशन दुकानों पर पात्र हितग्राहियों को बिना अंगूठे की छाप दिए राशन देने का निर्देश दिया है। उसमें कहा गया है कि आम लोगों को राशन लेने के लिए अब बायोमैट्रिक थंब इम्प्रेशन नहीं करना होगा। पात्र हितग्राहियों को नियमित दिया जाने वाला राशन और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत दिया जाने वाला राशन बिना थंब लगाए देने की छूट रहेगी। कोरोना वायरस के दौरान लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए ही इस तरह की पहल की गई है। इससे लोगों में व्याप्त भय खत्म हुआ है। साथ ही लोग बेझिझक राशन दुकानों पर अनाज लेने पहुंच रहे हैं।

- विशाल गर्ग

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