इंदौर को 2300 करोड़ की सौगात
01-Aug-2022 12:00 AM 1304

 

इंदौर और आसपास के क्षेत्र अब विकास के पथ पर तेजी से दौड़ेंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 1 अगस्त को इंदौर में 2300 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के लिए भूमिपूजन करेंगे। इंदौर को आसपास के क्षेत्रों से जोड़ने वाले विभिन्न मार्गों और फ्लाईओवर की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है। अब यह सभी आकार लेंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के तहत इन सभी विकास कार्यों का शुभारंभ कुछ माह पहले होना था, लेकिन नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता लगने से यह आयोजन टल गया था। जिन विकास कार्यों का शुभारंभ होगा, उनमें इंदौर और खंडवा के बीच फोरलेन सड़क का काम प्रमुख है। खंडवा रोड की हालत खराब होने से यहां से गुजरने वाले वाहन चालक परेशान होते हैं। तेजाजी नगर से बलवाड़ा के बीच भी सड़क की स्थिति भी ठीक नहीं है। यहां मौजूद सड़क की मरम्मत भी होना है, वहीं नई सड़क भी बनेगी। इसके बाद यह मार्ग भी वाहन चालकों के लिए सुगम होगा।

इंदौर-बैतूल मार्ग पर इंदौर से हरदा के बीच बेहतर सड़क की लंबे समय से मांग हो रही है। प्रस्तावित योजना में इस मार्ग को फोरलेन बनाया जाना है। यह सड़क 1,011.29 करोड़ रुपए में बनना है। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर को बेहतर कनेक्टीविटी देने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कई सड़कों और अन्य विकास योजनाओं की मांग की थी, जिन्हें उन्होंने स्वीकार किया है। इंदौर को मिलने वाली करीब 2,300 करोड़ की सौगातों से आवाजाही सुधरेगी, लोगों को जाम और हादसों से मुक्ति मिलेगी। इससे इंदौर तथा आसपास के क्षेत्रों का तेज गति से विकास होगा। शहर में विकास की कुछ योजनाओं पर काम हो रहा है। इनमें पश्चिमी रिंग रोड, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क जैसी योजनाएं प्रमुख हैं। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनीष असाटी के अनुसार पश्चिमी रिंग रोड की डीपीआर तैयार की जा रही है। यह महत्वाकांक्षी योजना है और पिछली बार जब केंद्रीय मंत्री गडकरी इंदौर आए थे तो हमने इस बारे में उन्हें जानकारी दी थी।

उधर शासन की मंजूरी के बाद मप्र इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने 3200 एकड़ की प्रस्तावित इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर योजना का प्रारूप घोषित कर दिया है। 30 दिन में किसानों-जमीन मालिकों के दावे-आपत्ति-सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। 1400 करोड़ की राशि इस कॉरिडोर को विकसित करने में खर्च की जाएगी। 19.60 किलोमीटर लंबे इस इकोनॉमिक कॉरिडोर में दोनों तरफ 300-300 मीटर की निजी जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। इस कॉरिडोर के बनने से इंदौर एयरपोर्ट से पीथमपुर मात्र 15 मिनट में पहुंचा जा सकेगा, तो आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे के साथ इंदौर-अहमदाबाद भी जुड़ जाएगा। इसमें 500 करोड़ रुपए की राशि भू-अर्जन के लिए रखी गई है। डाटा सेंटर, आईटी, होटल सहित आवासीय व अन्य गतिविधियां इस पूरे कॉरिडोर पर भविष्य में आएंगी।

पिछले दिनों शिवराज कैबिनेट ने रतलाम के साथ-साथ इंदौर-पीथमपुर इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी थी, जिसके चलते एमपीएसआईडीसी ने प्रारूप का प्रकाशन करने की सूचना जाहिर की है।

1290.74 हेक्टेयर यानी लगभग 3200 एकड़ जमीन इस 19.60 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में अधिग्रहित की जाना है, जिसमें नैनोद, कोडिर्यावर्डी, नावदापंथ, सिंहासा, सिंदौड़ी, शिवखेड़ा, डेहरी, सोनवाय से लेकर दूसरी तरफ रीजलाया, बिसनावदा, श्रीराम तलावली, सिंदौड़ा, बगोदा, भैंसलाय, धन्नड़ और टीही सहित अन्य गांवों की जमीनें आ रही हैं। इंदौर के साथ-साथ महू के भी कुछ गांव इस कॉरिडोर की प्लानिंग में शामिल किए गए हैं। एमपीएसआईडीसी के एमडी रोहन सक्सेना के मुताबिक इस कॉरिडोर पर होटल, आईटी, फिन्टैक सिटी, डाटा सेंटर, लॉजिस्टिक पार्क, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, ट्रेनिंग सेंटर, इंटरटेनमेंट पार्क, रेडिमेड गारमेंट कॉम्प्लेक्स, फिल्म इंडस्ट्रीज, मल्टीमीडिया, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स के साथ-साथ भविष्य में मेट्रो लाइन और अन्य टर्मिनल की भी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसमें औद्योगिक बड़े आकार के भूखंडों के साथ-साथ 20 हजार से अधिक आवासीय भूखंड भी रहेंगे और 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आएगा और 25 हजार लोगों को रोजगार हासिल होगा। शासन की मंजूरी के बाद एमपीएसआईडीसी ने इस इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए योजना घोषित कर प्रारूप प्रकाशन कर दिया है, ताकि 30 दिनों में जमीन मालिकों के दावे-आपत्तियों और सुझावों को लिया जा सके। शासन ने इसके लिए जो फॉर्मूला तय किया है उसमें 20 फीसदी राशि किसानों या अन्य जमीन मालिकों को नकद दी जाएगी। वहीं शेष 80 प्रतिशत जमीन के बदले विकसित भूखंड मिलेंगे। जिस तरह प्राधिकरण ने भी अपनी योजनाओं में शामिल जमीन मालिकों को 20 से 30 फीसदी तक विकसित भूखंड दिए हैं। उसी तरह इकोनॉमिक कॉरिडोर में 20 फीसदी नकद राशि के लिए लगभग 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

इंदौर-नागपुर हाईवे के आसपास की बदलेगी भौगोलिक तस्वीर

मप्र औद्योगिक विकास निगम इंदौर ने चापड़ा गांव के पास बनने वाले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए एक दर्जन से ज्यादा गांवों की जमीनें चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है। राज्य शासन के बहुचर्चित इंटनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के चलते शहर से लगभग 46 किलोमीटर दूर इंदौर-नागपुर हाईवे के आसपास के गांवों की दशा बदलने की शुरुआत हो गई है। चापड़ा में 2100 हेक्टेयर जमीन पर बनने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए जमीनें जुटाने व अधिग्रहण करने का काम मप्र औद्योगिक विकास निगम इंदौर को दिया गया है। इसके लिए चापड़ा के आसपास के 12 गांवों की जमीनें चिन्हित की जा रही हैं। ग्रामीणों की जमीनें अधिगृहित करने के लिए शासन की गाइडलाइन के हिसाब से लगभग 800 करोड़ रुपए बंटेंगे। 

- राकेश ग्रोवर

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