दोगुना मिलेगा मुआवजा
26-Dec-2020 12:00 AM 739

 

भोपाल और इंदौर मेट्रो ट्रेन को दौड़ाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। दोनों शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की नीति भी बना ली है। अब बाजार दर की राशि के साथ एक लाख रुपए अतिरिक्त देकर भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन, मकान, दुकान आदि का अधिग्रहण किया जाएगा। यदि रास्ते में कोई अतिक्रमित संपत्ति भी है तो उसे भी हटाने का पैसा राज्य सरकार देगी। कैबिनेट ने भी नए प्रावधानों को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार चाहती है कि इस प्रोजेक्ट में किसी भी तरह का विवाद न हो।

यदि आपकी संपत्ति (आवासीय व कर्मशियल) मेट्रो प्रोजेक्ट के दायरे में आ रही है तो भूमि का कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से तय बाजार मूल्य की दोगुनी राशि क्षतिपूर्ति के रूप में मिलेगी। इसके अलावा एक यह भी होगा कि आप बाजार मूल्य के साथ 200 प्रतिशत हस्तांतणीय विकास अधिकार (टीडीआर) भी ले सकते हैं। एकबारगी संदाय (सिर्फ एक बार दिया जाने वाली राशि) के रूप में 6 लाख रुपए और पुन: विस्थापन भत्ता के लिए 50 हजार रुपए की राशि भी मिलेगी।

दरअसल, सरकार ने भोपाल व इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए खाका तैयार कर लिया है। यह प्रावधान भी केंद्र सरकार के भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के आधार पर तय किए गए हैं। सरकार ने भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए वर्ष 2023 में संचालन का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। लिहाजा मेट्रो डिपो, स्टेशन, भूमिगत मेट्रो के लिए भूमि अधिग्रहण की तैयारी जिला प्रशासन से जमीन की मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा की गई है।

मेट्रो प्रोजेक्ट को देखते हुए प्रदेश सरकार ने दो वर्ष पहले ही टीडीआर (ट्रांसफरेबल डेवलमेंट राइट अर्थात् हस्तांतणीय विकास अधिकार) को लागू कर दिया है। इसके तहत संबंधित व्यक्ति को भूमि के बदले एक अधिकार पत्र दिया जाता है। जहां से जमीन का अधिग्रहण किया जाना है उसे जनरेटिंग एरिया और इस जमीन के बदले जहां दोगुना फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) दिया उसे रिसीविंग एरिया का नाम दिया गया है। इसके लिए भू-स्वामी को सर्टिफिकेट भी दिया जाता है। भू-स्वामी सर्टिफिकेट का हस्तांतरण या अन्य व्यक्ति को बेच भी सकता है। अधिग्रहण के नियमों में टीडीआर 200 प्रतिशत किया गया है। मतलब भू-स्वामी मास्टर प्लान में तय स्थान पर बेस एफएआर से दोगुना निर्माण का अधिकार होगा।

आवासीय और व्यवसायिक (बिना विस्थापन) आंशिक रूप से भूमि अधिग्रहण के लिए संबंधित भू-स्वामी को भूमि के बाजार मूल्य की राशि दी जाएगी। साथ ही तोषण राशि (बाजार मूल्य का 100 प्रतिशत) या 200 प्रतिशत हस्तांतणीय विकास अधिकार भी मिलेगा। सहायता के रूप में 6 लाख और पुन: विस्थापन भत्ता के लिए 50 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है। आवासीय और व्यवसायिक (विस्थापन के लिए) पूर्ण रूप से भूमि अधिग्रहण के लिए भूमि के बाजार मूल्य की राशि दी जाएगी। साथ ही तोषण राशि (बाजार मूल्य का 100 प्रतिशत) या 200 प्रतिशत हस्तांतणीय विकास अधिकार भी मिलेगा। सहायता के रूप में 6 लाख, पुनर्व्यवस्थापन भत्ता 50 हजार, जीवन निर्वाह भत्ता 36 हजार और परिवहन भत्ता 50 हजार रुपए मिलेगा।

आवासीय संपत्ति का निर्माण की दशा में क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान किया गया है। संरचना (निर्माण) का बाजार मूल्य के साथ इतनी ही राशि की तोषण राशि भी मिलेगी। मकान निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। व्यवसायिक संपत्ति का निर्माण की दशा में क्षतिपूर्ति संरचना (निर्माण) का बाजार मूल्य व इतनी राशि का तोषण मूल्य के अलावा 25 हजार रुपए वित्तीय सहायता मिलेगी। श्रमिक श्रेणी में क्षतिपूर्ति हाथ ठेला श्रमिकों को 10 हजार व गुमठी श्रमिकों को 15 हजार रुपए की राशि क्षतिपूर्ति के लिए निर्धारित की गई है। इस श्रेणी में आने वाले दिव्यांग व नि:शक्त जन के लिए 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। आवासीय संपत्ति की दशा में लीजधारकों को परिवहन भत्ता व पुन: विस्थापन भत्ता के लिए कुल एक लाख रुपए राशि का प्रावधान किया गया है। जबकि व्यवसायिक संपत्ति की दशा में परिवहन भत्ता 50 हजार व आर्थिक सहायता के लिए 25 हजार रुपए की राशि दी जाएगी।

भोपाल में इन रूट पर होगा अधिग्रहण

राजधानी भोपाल में मेट्रो के लिए कई रूटों पर जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। करोंद से एम्स तक (लाइन-2)- पर्पल कॉरिडोर बनाया जाएगा। पहले कॉरिडोर के तहत 14.99 किमी में करोंद से एम्स तक मेट्रो का निर्माण कराया जाएगा। इसमें करोंद से कृषि उपज मंडी, डीआईजी बंगला, सिंधी कॉलोनी, नादरा बस स्टैंड, भारत टाकीज, बोगदा पुल, ऐशबाग स्टेडियम के पास, सुभाष नगर अंडर ब्रिज, मैदा मिल, एमपी नगर, सरगम सिनेमा, हबीबगंज कॉम्पलेक्स, अलकपुरी से एम्स तक निर्माण कराया जाएगा। भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहे तक (लाइन-5)- रेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। दूसरे कॉरिडोर में 12.88 किमी तक पूर्व निर्धारित रूट को तैयार किया जाएगा। इस रूट पर भदभदा चौराहा, डिपो चौराहा, जवाहर चौराहा, रंगमहल चौराहा, मिंटो हॉल, लिलि टॉकीज, जिंसी, बोगदा पुल, प्रभात चौराहा, गोविंदपुरा उद्योगिक क्षेत्र, इंद्रपुरी, पिपलानी से रत्नागिरी तिराहे तक मेट्रो दौड़ेगी। मेट्रो के संचालन के लिए जिला प्रशासन द्वारा करोंद से एम्स तक करीब 47 एकड़ कुल जमीन के अधिग्रहण की तैयारी की जा रही है। इसमें सरगम टॉकीज के पास स्थित पेट्रोल पंप की जमीन, सुभाष नगर चौराहा, बोगला पुल के पास ग्लू फैक्ट्री, बोगदा पुल रोड, भोपाल रेलवे स्टेशन क्षेत्र, बड़े बाग कब्रिस्तान के पास, सिंधी कॉलोनी चौराहा के पास, निशातपुरा स्थित कृषि उपज मंडी व करोंद चौराहा पर भूमि अधिग्रहण किया जाना है।

- सुनील सिंह

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