कोरोना पॉलिटिक्स
04-May-2020 12:00 AM 691

 

राजस्थान में इन दिनों कोरोना पॉलिटिक्स जोरों पर है। 2018 में विधानसभा चुनाव हार चुकी भाजपा और सत्तारूढ़ कांग्रेस में इन दिनों शीतयुद्ध चरम पर है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए एक बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में सियासी उबाल आ गया है। प्रधानमंत्री मोदी पर कोरोना संकट में राज्य की कोई मदद नहीं करने का आरोप लगाकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पूरी तरह से विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रघु शर्मा के बयान को देशवासियों का अपमान बताया है, तो प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के बयान की निंदा करते हुए कहा कि सत्ता के मद में चूर मंत्री प्रधानमंत्री जैसे प्रतिष्ठित पद की मर्यादा भी भूल गए। झूठ बोलकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की पसंद बनने का सपना देख रहे रघु शर्मा किस प्रमाण के साथ प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं।

दरअसल, एआईसीसी द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना वायरस की महामारी में केंद्र राज्यों की मदद नहीं कर रहा है। पिछले दिनों वीडियो कॉन्फे्रंसिंग में मुख्यमंत्रियों ने मदद मांगी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कह दिया कि हमसे कुछ भी मत मांगो और आप भी कुछ मत करो, 2 दिन अखबार में छपकर रह जाएगा। अब आप बताइए ऐसे में हम क्या करते। पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी से कांग्रेस व भाजपा सहित सभी राज्यों को 1 लाख करोड़ रुपए की मदद और राज्यों की सीमा 3 से बढ़ाकर 5 फीसदी करने की मांग की थी। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के बयान पर आपत्ति जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाया गया झूठा आरोप बेहद निंदनीय है। प्रधानमंत्री पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे व्यक्ति पर मनगढंत आरोप लगाना न केवल मर्यादाहीन है, बल्कि गैर जिम्मेदाराना भी है। अपने दूसरे ट्वीट में वसुंधरा राजे ने कहा कि चिकित्सा मंत्री की प्रधानमंत्री पर अमर्यादित टिप्पणी देशवासियों का अपमान है, जो साबित करती है कि राज्य सरकार के पास उपलब्धि के नाम पर बातों के सिवाय कुछ भी नहीं है। जबकि हम राजनीति से ऊपर उठकर कोरोना संकट में राज्य सरकार के सहयोग के लिए तैयार हैं।

वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को चेतावनी देते हुए कहा कि वे सरकार का हिस्सा हैं, जो बयान मंत्री शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए दिया है, वो सच है तो उस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक करें। जिसके आधार पर वो प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे है, साथ ही ये भी बताएं कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कब और कैसे बात हुई। पूनिया ने आगे कहा कि अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं तो अपनी हैसियत में रहकर अपने विभाग का काम ठीक से करें। इसके साथ ही प्रदेश भाजपा कार्यालय में सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की उपस्थिति में आयोजित हुई एक ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश सरकार की तुष्टिकरण की नीति के कारण ही राज्य में कोरोना का प्रकोप बढ़ा है, अपने वोट के लिए सरकार तबलीगी जमात के लोगों के खिलाफ सख्ती नहीं कर रही है। यही कारण है कि ये संक्रमण प्रदेश के 26 जिलों तक पहुंच गया है। पूनिया ने आगे कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार से संरक्षण मिलने के कारण इनके हौसले इतने बढ़ गए हैं कि ये अब पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों पर भी हमले कर रहे हैं। प्रदेश के अधिकारियों के हाथ सरकार ने बांध रखे हैं, उनको सरकार की ओर से स्वतंत्र रूप से काम करने से रोका जा रहा है। पूनिया ने आगे कहा कि कांग्रेस प्रदेश में विद्वेष की राजनीति कर रही है, उसकी अकर्मण्यता के खिलाफ आवाज उठाने पर वो भाजपा के विधायकों और कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज कर रही है। वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री

अशोक गहलोत बताएं कि अब तक उनकी सरकार ने राज्य सरकार के पैसे से कितने लोगों को गेहूं बांटा, भारत सरकार की ओर से जो 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं आया उसका वितरण कैसे किया। भारत सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए मनरेगा में, उज्ज्वला योजना में प्रदेश की 62 लाख महिलाओं को तीन महीने तक फ्री रिफिलिंग की सुविधा पर प्रतिमाह 478 करोड़, किसान सम्मान निधि में प्रदेश के 64 लाख किसानों को 2 हजार रुपए के हिसाब से 870 करोड़, जनधन खाता धारक प्रदेश के 1 करोड़ 52 लोगों को 500 रुपए, आपदा राहत में 970 करोड़ रुपए, चिकित्सा में आवंटित 1883 करोड़ में से 1780 करोड़ अब तक दिया है, इनको कैसे खर्च किया ये बताएं।

सरकार अपनी विफलता केंद्र पर मढ़ रही

कटारिया ने आगे कहा कि गहलोत सरकार ने दावा किया कि वो श्रमिकों के खाते में 2500 रुपए डाल रही है। सरकार बताए कि अब तक उसने कितने लोगों के खाते में कितने रुपए डाले हैं। केंद्र ने सबसे अधिक पैसा राजस्थान को दिया है, जिससे प्रदेश सरकार राहत अभियान चला रही है। मुख्यमंत्री गहलोत ये बता दें कि राज्य सरकार के खुद के खजाने से कितना पैसा राहत के काम पर खर्च किया गया है। कटारिया ने आगे कहा कि एसएमएस अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों को धर्मशाला में रुकवाया जा रहा है, उनके लिए कोई सुविधा नहीं है। मुख्यमंत्री एक बार खुद उस धर्मशाला का दौरा करके आएं जिसमें ये स्वास्थ्यकर्मी रोके गए हैं। इसके साथ ही उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपनी विफलता को केंद्र के माथे डालना चाहती है।

- जयपुर से आर.के. बिन्नानी

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