उपचुनाव के बाद अब कांग्रेस संगठन में फेरबदल की सुगबुगाहट नजर आने लगी है। इसको लेकर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं और जिलों के संगठन प्रभारियों की बैठक भी कर ली है। जिसमें यह प्रमुखता से निकलकर आया है कि लंबे समय से पदों में डटे पदाधिकारी कामकाज में अपेक्षित तौर पर सक्रिय नहीं हैं तो कई मंडलम और सेक्टर के पदाधिकारी भी पद पाने के बाद संगठनात्मक कार्यों में रुचि नहीं ले रहे हैं। इधर सदस्यता अभियान को लेकर भी फीडबैक बहुत अच्छा नहीं आया है। इन सबको देखते हुए प्रदेशाध्यक्ष ने अब बदलाव की तैयारी के निर्देश दे दिए हैं। यह भी तय किया गया है कि संगठनात्मक बदलाव में 50 साल की उम्र को सीमा रेखा माना जाएगा। हालांकि इसे लक्ष्मण रेखा नहीं माना जाएगा, लेकिन प्राथमिकता इसी उम्र की सीमा पर दी जाएगी। इसके अलावा पदों में जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा जाएगा।
कांग्रेस ने उपचुनाव के बाद अब 2023 के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। उपचुनाव के फीडबैक कांग्रेस के लिए बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। तीन उपचुनाव हार गए और इकलौती रैगांव सीट जीत पाए। लेकिन जिस तरीके से रैगांव में कांग्रेस संगठन की सक्रियता होनी थी वह नहीं दिखी। कई अपेक्षित चेहरे चुनाव के दौरान जमीनी स्तर पर वैसा काम करते नहीं दिखे जैसी अपेक्षा थी। इसके बाद जिला संगठन प्रभारियों की बैठक में तय किया गया है कि जल्द ही फेरबदल कर दिया जाना चाहिए ताकि नए चेहरे 2023 के आम चुनाव के लिए न केवल खुद तैयार हो सकें बल्कि संगठन को भी मजबूत कर सकें। इसके लिए नए चेहरों को सामने लाने पर जोर दिए जाने का निर्णय लिया गया है तो सालों से संगठन में जमे चेहरों को अब जिम्मेदारी से मुक्त करने पर भी सहमति बन गई है। हालांकि यह बदलाव पूरे प्रदेश में होना है लेकिन विंध्य में बदलाव पर सभी का फोकस है। जो संकेत मिले हैं उसमें कई जिला संगठन के पदाधिकारी रेड जोन में है। वहां बदलाव की संभावना प्रबल मानी जा रही है। इसके लिए तमाम नामों पर तलाश शुरू हो गई है। विधायकों से फीडबैक तो लिया ही जा रहा है बल्कि वरिष्ठ नेताओं से भी राय मशविरा लिया जाकर बदलाव की रणनीति और चेहरे तय किए जाएंगे। यह तय किया गया है कि बदलाव में अब पीढ़ी परिवर्तन को भी ध्यान में रखना है और नया नेतृत्व भी तैयार करना है। इसके लिए संगठन में 50 साल की उम्र का फॉर्मूला तय किया गया है। वहीं संगनात्मक पदों के लिए क्षेत्रीय और स्थानीय जातीय समीकरणों पर भी गौर किया जाएगा। इसके साथ ही कोशिश होगी कि जो भी चेहरा चुना जाए उसमें ज्यादा से ज्यादा आम सहमति बने और कम से कम विरोध की स्थिति बने साथ ही उसकी सक्रियता और सामर्थ्य आगामी 2023 के चुनाव के अनुकूल हो। जिस तरह के संकेत हैं उससे माना जा रहा है कि यह फेरबदल एक-दो माह के अंदर हो सकता है।
कांग्रेस हर वार्ड में अब वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी बनाकर संगठन को मजबूत करने का प्रयोग कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को उनके वार्डों से दूसरे वार्डों में प्रभारी बनाकर भेजा जाएगा, ताकि वे उस वार्ड के नेताओं में समन्वय बना सकें और पार्टी के कामों को आगे बढ़ाएं। इसके साथ ही ये लोग सदस्यता अभियान का भी काम करेंगे। उपचुनाव में भले ही तीन सीटों पर कांग्रेस हार गई हो, लेकिन एक विधानसभा सीट जीतने के बाद कांग्रेसियों का हौसला कायम है। पिछले दिनों हुई बैठक के बाद तय हुआ था कि वार्ड और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत किया जाए। कांग्रेस ने जिले में संगठन प्रभारी तो बना दिए, लेकिन संगठन प्रभारी ही समय पर बैठकें लेने नहीं आते हैं और न ही अभी उपचुनाव में कुछ खास कर पाए। संगठन को मजबूती देने के लिए अब वार्ड स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। हर वार्ड में कांग्रेस के एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता को प्रभारी बनाया जा रहा है, ताकि वे अपने-अपने वार्ड में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का काम करें। इनकी सूची तैयार की जा रही है। वार्डों के प्रभारियों को वार्ड और मंडलम स्तर पर काम करना होगा। वार्ड के नेताओं से समन्वय बनाकर उनके साथ चर्चा करनी होगी। बैठकें कर कांग्रेस के आंदोलन और आगे के कामों पर ध्यान देना होगा। इसके साथ ही अभी जो सदस्यता अभियान चल रहा है, उसमें भी भाग लेकर नए लोगों को कांग्रेस से जोड़ना होगा। इसके साथ ही सरकार को कैसे जवाब देना है और लोगों की समस्याओं को कैसे सुलझाना है, इस पर भी प्रभारी काम करेंगे। जल्द ही प्र्रभारियों की घोषणा कर दी जाएगी।
वर्धा में तैयार किए गए हैं पार्टी के थिंकर
संघ की तर्ज पर कांग्रेस ने वर्धा में थिंकर तैयार किए हैं। ये पार्टी के वैचारिक और समर्पित लोग हैं। तथ्यों से यह लोगों के बीच जाकर सच्चाई से अवगत कराएंगे। इसके लिए प्रशिक्षण की एक वृहद योजना बनाई गई है। इसका संगठन सेक्टर तक होगा। हर सेक्टर में 20-20 लोगों की टीम को प्रशिक्षित किया जाएगा। दरअसल कांग्रेस 15 से 29 नंवबर के बीच जनजागरण के माध्यम से महंगाई को प्रदेश में बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी है। लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए तकनीक की भी मदद ली जा रही है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के मुताबिक आज महंगाई से हर व्यक्ति परेशान है। प्रदेश में महंगाई को लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करने के लिए कांग्रेस 29 नवंबर तक जनजागरण अभियान चलाएगी। महंगाई सहित अन्य विषयों पर लोगों तक अपनी बात अधिक सटीकता और प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए प्रदेश के पांच लोगों की ट्रेनिंग वर्धा में हुई है। वे हर संसदीय क्षेत्र में 10-10 लोगों को ट्रेंड करेंगे। ये 10 लोग विधानसभा में गठित सेक्टर मंडल में 20-20 लोगों को प्रशिक्षित करेंगे। इनके साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी लोगों के बीच जाएंगे।
- अरविंद नारद