औद्योगिक गलियारा बनेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
01-Jul-2022 12:00 AM 873

 

देश के नक्शे में बुंदेलखंड की तस्वीर काफी धुंधली थी और पिछड़ापन और बदहाली यहां की तकदीर बन चुका था। इसी तस्वीर को साफ करने के लिए भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में बुंदेलखंड को प्राथमिकता में रखा और 2017 के चुनावों के बाद यहां पर एक के बाद एक सौगातों की बारिश करना शुरू कर दी। इसी का नतीजा हुआ कि इस वर्ष हुए विधानसभा के चुनावों में भाजपा पार्टी ने बुंदेलखंड में दोबारा अपना परचम लहराया और यहां के बाशिंदो को हर घर नल, डिफेंस कॉरिडोर और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जैसी योजनाओं से नवाजा। उप्र की योगी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी और मात्र 27 महीने में एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो गया। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड वासियों के लिए विकास की धुरी साबित होगा।

296 किमी लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे 14849.09 करोड़ की लागत से बनकर लगभग तैयार है, जिसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है। उप्र एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा एक्सप्रेस-वे को विकसित किया जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की नींव 2019 के फरवरी माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई। प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखंड के लोगों के लिए यह बड़ी सौगात दी थी और कहा था कि चित्रकूट से दिल्ली पहुंचने में लोगों को परेशानी नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि बुंदेलखंड के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा।

सरकार ने बुंदेलखंड वासियों को एक्सप्रेस-वे के साथ ही बुंदेलखंड में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसी बड़ी परियोजना की सौगातों को शामिल किया है। इस क्षेत्र के झांसी और चित्रकूट में रक्षा उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए जमीन सरकार ने तैयार की है। यूपीडा सीईओ का मानना है कि एक्सप्रेस-वे बनने से बुंदेलखंड विकास की मुख्यधारा में होगा। इस क्षेत्र में निवेश करने को उद्यमी आकर्षित होंगे। एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। अब तक पिछड़े रहे इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं जन्म लेगी। इसके साथ ही बेरोजगारी की समस्या भी खत्म होगी। कोरोनाकाल में अपने घर वापस लौटे 50 हजार से ज्यादा मजदूरों को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में रोजगार मिल चुका है।

केंद्र सरकार आने वाले कुछ दिनों में ही बुंदेलखंड की जनता को एक्सप्रेस-वे की सौगात देने जा रही है। 14848.09 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहा एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण कुछ ही दिनों में मोदी सरकार करने जा रही है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे लगभग 296 किलोमीटर लंबा है जिसकी चार लेन बनकर लगभग तैयार हैं और इसका भविष्य में 6 लेन तक विस्तारीकरण करने की योजना है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बनने के साथ ही चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा जिलों से होते हुए बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे आगरा एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी दिल्ली से जुड़ेगा। मिली जानकारी के मुताबिक बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर चार रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण का काम लगभग पूरा हो गया है। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे के कुल 19 फ्लाई ओवर्स का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है। यमुना और बेतवा नदी पर पुल का निर्माण कार्य भी रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया गया है। केन नदी पर बन रहा पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है।

यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक्सप्रेस-वे पर 15 पेट्रोलिंग वाहनों की तैनाती की जाएगी। एक्सप्रेस-वे पर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैंडर्ड रूप में बनाई गई है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे इटावा में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा, वहीं चित्रकूट के भरतकूप से इटावा होकर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर कुदरैल के पास मिलेगा। इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से बुंदेलखंड अन्य एक्सप्रेस-वे जैसे आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से अन्य जिलों से जुड़ जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर 6 पेट्रोल पंप भी होंगे। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे केन, बेतवा, बागेन, श्यामा, चंदावल, बिरमा, यमुना और सेंगर नदियों के ऊपर से गुजरेगा।

बुंदेलखंड के विकास को लेकर के पिछले साल केंद्रीय कैबिनेट ने केन-बेतवा लिंक परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी है। माना जा जा रहा है कि इसके कारण बुंदेलखंड की आर्थिक और सामाजिक दशा और दिशा दोनों में परिवर्तन होगा। सरकार इस परियोजना के माध्यम से पनबिजली भी बनाने जा रही है। साथ ही साथ सोलर ऊर्जा का भी उत्पादन किया जाएगा। केंद्र की मोदी सरकार का दावा है कि इस परियोजना से बुंदेलखंड में सामाजिक और आर्थिक विकास होगा। सरकार का दावा है कि इससे पेयजल की समस्या खत्म होगी, साथ ही साथ ग्राउंडवाटर रिचार्ज भी होगा।

बुंदेलखंड में बन रहा है डिफेंस कॉरिडोर

इसके साथ ही केंद्र की मोदी सरकार बुंदेलखंड के विकास को लेकर के यहां एक डिफेंस कॉरिडोर भी बनाने जा रही है। डिफेंस कॉरिडोर के लिए केंद्र सरकार ने 400 करोड़ रुपए की घोषणा भी कर दी है। उप्र में बनने वाला यह रक्षा गलियारा झांसी, चित्रकूट, आगरा, अलीगढ़, कानपुर एवं लखनऊ में विकसित किया जा रहा है। इसका करीब 60 फीसदी हिस्सा झांसी में है। माना यह जा रहा है कि इस कॉरिडोर के बनने से 3 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। इस रक्षा गलियारे में अपनी इकाई लगाने के लिए देशी समेत विदेशी कंपनियों ने भी दिलचस्पी भी दिखाई है। इससे देश को रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भर भी बनाया जा सकेगा। मेक इन इंडिया के तहत इस गलियारे में बुलेट प्रूफ जैकेट, ड्रोन, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर तोप एवं उसके गोले, मिसाइल, बंदूकें निर्मित होंगी। यहां छोटी यूनिट भी लगेगी जहां पैराशूट, दस्ताने आदि बनाए जाएंगे। भाजपा के युवा नेता मनोज यादव का मानना है कि बुंदेलखंड के विकास को लेकर आजादी के बाद से कोई प्रयास नहीं किए गए जिसके कारण यह विकास की मुख्य धारा में पिछड़ गया। मनोज यादव का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है और इसको लेकर लगातार काम कर रहे हैं। जिसका परिणाम है कि बुंदेलखंड आज किसी भी मायने में विकास की दौड़ में पीछे नहीं रह गया है और आने वाले दिनों में यहां विकास की बयार बहेगी।

-सिद्धार्थ पांडे

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