महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के करीब एक पखवाड़े तक सरकार बनाने को लेकर दावेदार राजनीतिक पार्टियों के

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के करीब एक पखवाड़े तक सरकार बनाने को लेकर दावेदार राजनीतिक पार्टियों के
आप हैरान हैं कि रेड लाइट जंपिंग, गलत पार्किंग, तय सीमा से ज्यादा गति से वाहन चलाने के लिए दिल्ली
देश का दिल यानी दिल्ली में अगली सरकार बनाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों में रणनीति बनने लगी है। भाजपा
देश में शेल यानी कागजी कंपनियों के माध्यम से काली कमाई का धंधा अभी भी जोरों पर है। मप्र में
मई में बड़े-बड़े चुनावी वादे करके सांसद बने माननीयों ने पिछले 5 माह में अपने क्षेत्र में विकास के लिए
हरियाणा के चुनाव को लेकर एक चुटकुला ज़ोरों पर है कि हरियाणा चुनाव ने सबको खुश कर दिया। चाचा खुश
दिल्ली में दूसरी बार सरकार बनाने के लिए अरविंद केजरीवाल रोज नए-नए दांव चल रहे हैं। उन्होंने इसके लिए घोषणाओं
5 माह पहले लोकसभा चुनाव में रिकार्ड जीत के साथ भाजपा ने केंद्र में सरकार बनाई, लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा
भारत एक प्रकृति पूजक राष्ट्र है। लेकिन आधुनिकता के रथ पर सवार होकर हम न केवल प्रकृति का दोहन कर
इन दिनों देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में क्या हो रहा है और वह किधर जा रही है, यह
केंद्र की मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रखी है। सरकार चुन-चुनकर तथाकथित भ्रष्टों पर कार्रवाई कर रही
महाराष्ट्र चुनाव में इस बार दलबदलुओं की चांदी ही चांदी है। भाजपा और शिवसेना ने दूसरी पार्टी से आए नेताओं
दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल भले ही नहीं बजा है, लेकिन मुद्दों पर बवाल होने लगा है। इस समय
भारतीय राजनीति में प्याज हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। एक बार फिर प्याज के दाम आसमान पर हैं।
देश की सबसे बड़ी पार्टी का तमगा गंवाने वाली कांग्रेस में अब भाई की वापसी हो गई है। जो लोग
देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव का बिगुल बज चुका है।
चुनावी बेला में एनसीपी के प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार कानूनी फंदे में फंस गए हैं। इस
सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में बसे लोगों का जल्द से जल्द पुनर्वास किया जाएगा और उन्हें डूब क्षेत्र
पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने कभी कहा था कि अंतर्विरोधों का मैनेजमेंट ही राजनीति है। अलग-अलग राजनीतिक और सामाजिक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी की प्रयोगशाला मप्र में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए एक नया प्रयोग
कांग्रेस इस समय बहुत ही खराब स्थिति में है। ये अपने उस नेता के सामने लीडरशिप के लिए लेकर आया
देश के ज्यादातर राज्यों में कृषि संबंधी जो भी सरकारी लाभ हैं वह भू-स्वामी यानी खेत के मालिक को ही
कुछ असमंजस के बीच एक सितंबर से पूरे देश में नया मोटर वाहन कानून प्रभाव में आ गया है और
घर पर गाड़ी, अलीशान मकान, सुख-सुविधाओं की सामग्री, पर्याप्त मात्रा में जमीन, अच्छी खासी आमदनी…। यदि ऐसे लोग रसूख के
झाबुआ के विधायक गुमान सिंह डामोर ने लोकसभा का चुनाव जीत लिया। उनके सांसद बन जाने से ये सीट खाली
भारत में अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई बीते पांच सालों में और ज्यादा गहरी हो गयी है। आज
बबुली गिरोह मध्यप्रदेश के विंध्य वाले इलाके के लोग इस नाम से परिचत होंगे। विंध्य से सटे यूपी के लोग
भारत आज एक गंभीर रूप लेते रणनीतिक खतरे का सामना कर रहा है। यह खतरा इसलिए नहीं पैदा हुआ है
भोपाल और इंदौर के लोग वर्ष 2022 के अंत में मेट्रो रेल सेवाओं का लुत्फ उठा सकेंगे। मध्य प्रदेश शहरी
मप्र में स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह बेपटरी है इसका नजारा अभी हाल ही में इंदौर में सामने आया है। इंदौर
मनरेगा अभी भी महिलाओं के रोजगार का बड़ा साधन साबित हो रहा है। वित्त वर्ष 2018-19 में भी मनरेगा के
मप्र का विंध्य क्षेत्र कभी सफेद बाघों के लिए प्रसिद्ध था। लेकिन हाल में ही विंध्य क्षेत्र में कई ऐसे
बीजेपी ने इस महीने में तीन बड़े रत्न खोए हैं। इन तीनों का कनेक्शन मध्यप्रदेश से रहा है। अगस्त महीने
भोपाल-इंदौर सिक्स लेन एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का खाका तैयार हो गया है। यह प्रोजेक्ट 5435 करोड़ रुपये की
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की पहल पर मप्र की 3 लाख हेक्टेयर बंजर भूमि सहित देश में अगले 10
सत्ता में वाकई चमक होती है। जो भी पार्टी सत्ता में रहती है उसके नेताओं की चमक देखने वाली होती
राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता, सियासत में समय का चक्र काफी तेजी से घूमता है और जब घूमता
मप्र को पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करने के लिए कमलनाथ सरकार क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है। इसके लिए
जम्मू कश्मीर और अनुच्छेद 370 के साथ एक दुनिया और है, जहां खलबली मची है। वह क्षेत्र है भारत की
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत चाहते हैं कि आरक्षण पर सौहार्दपूर्ण वातावरण में समर्थक और विरोधी आपस में चर्चा करें।
बिजलीघरों से निकलने वाले धुएं और राख से सिंगरौली औद्योगिक क्षेत्र के लगभग 100 किमी दायरे में शायद ही कोई
मालवा क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में वन होने, मिट्टी में जैविक पदार्थों की पर्याप्त मात्रा के होने से इस क्षेत्र
मप्र में 15 साल तक एक सुर, एक ताल और एक सोच वाली भाजपा सत्ता जाते ही खंड-खंड हो गई
सोनिया गांधी को कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष चुन लिया है। ये कांग्रेस का अधिकार है। वह किसी को भी अपना
जो जमीन किसी भू-स्वामी के मालिकाना हक की नहीं है वह समस्त जमीन नजूल यानी सरकारी भूमि है। भूमि सुधार
हाल में खबर आई कि देश में साढ़े पांच लाख से भी ज्यादा पुलिसकर्मियों के पद खाली पड़े हैं। यह
मप्र में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान खेलों के विकास के लिए जमकर पैसा बहाया गया। सरकार की दरियादिली का
सड़क दुर्घटनाओं में हर साल डेढ़ लाख मौतों के आंकड़े को देख कर यह स्वाभाविक ही लगता है कि हमारे
मुख्यधारा से कटी भारत के वनों पर आश्रित एक बड़ी आबादी को देश के सर्वोच्च न्यायालय में अपना आशियाना बचाने
राजनीतिक हलकों में आजकल यह नया विमर्श चल रहा है कि भाजपा कांग्रेस के रास्ते पर जा रही है या